राजाजी पार्क में नियम विरूद्ध हो रहा है जिप्सियों का संचालन

फोटो परिचय-राजाजी की मोतीचूर रेंज के गेट पर खड़ी प्राइवेट नंबर की जिप्सियां।
फोटो परिचय-राजाजी की मोतीचूर रेंज के गेट पर खड़ी प्राइवेट नंबर की जिप्सियां।
मनमाफिक किराया लेकर खुलआम काटी जा रही है सैलानियों की जेब 
महेश पंवार
रायवाला। राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज में खुलेआम उडायी जा रही हैं नियमों की धज्जियां। यहां में बिना परमिट की जिप्सियां पर्यटकों को जंगल की सैर करायी जा रही है। मोतीचूर और चीला रेंज में बिना परमिट के जिप्सियां संचालित किए जाने की बात भी सामने आ रही है। वहीं वन क्षेत्र में इस तरह के वाहनों के संचालन को लेकर पार्क अधिकारी भी सवालों के घेरे में है। 
जानकारी के मुताबिक राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला और मोतीचूर रेंज में करीब 65 जिप्सियां का संचालन सैलानियों को घुमाने के लिए किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि पार्क क्षेत्र में संचालित अधिकांश वाहन पार्क नियमों के अनुसार बनाए गए मानकों के विपरीत है। खास बात यह सामने आई है कि इसमें एक दर्जन से अधिक चिप्सियां ऐसी हैं जो कि प्राइवेट नंबर की है तो कुछ के तो परमिट तक समाप्त हो चुके है। जब इन वाहनों के बारे मंे अधिकारियों से पूछा जाता है तो अधिकारी कुछ भी कहने से बचते नजर आते है। पार्क की इन रेंजों प्रवेश द्वार पर खड़े इन वाहनों को आसानी से देखा जा सकता है। वहीं पर्यटकों को जंगल की सैर कराने वाली इन जिप्सियों की उम्र समाप्त हो चुकी हैं कब कहां धोखा दे जाए कोई पता नही, सवाल यह है कि यदि यह गाड़ियां जंगली जानवरों के बीच बंद या खराब हो जाए तो एसे में पर्यटकों की जान की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी होगी। वहीं पार्क प्रमियों का कहना है कि ऐसा करना यहां घूमने आने वाले सैलानियों की जान के साथ खिलवाड़ है। मजे की बात तो यह है कि कुछ वाहन को तो गेट पर इंट्री कराए बिना ही पार्क क्षेत्र में भेज दिया जाता है। 

पर्यटकों की जेब पर डाका: 

बात राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज की हो या फिर मोतीचूर रेंज की यहां खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ायी जा रही है। रेंज के मुख्य द्वार पर वाहनों के लिए रेट लिस्ट तक नहीं लगायी गयी है। जिसके चलते जिप्सी संचालक पार्क धूमने आने वाले सैलानियों से मनमाफिक किराया वसूलते हैं। आपको बताते हैं क्या है पूरा माजरा दरअसल पर्यटकों को ट्रैक के बारे में सही जानकारी ही नहीं दी जाती है। जैसे कि मोतीचूर में महज आठ किलोमीटर लंबाई वाला ट्रैक है इसके लिए जिप्सी संचालक पर्यटकों से 1500 से 2000 रुपए तक ले लेते है। आपको बता दें कि कई बार तो रेट को लेकर पर्यटकों और जिप्सी चालकों के बीच कहासूनी तक हो जाती है। मजे की बात तो यह है कि यह पूरे खेल की जानकारी पार्क अधिकारियों को होती है। लेकिन जब इस बारे में उनसे पूछा जाता है तो वह मामले को पर्यटक और वाहन संचालक के बीच का बताकर अपना पल्ला झाड़े लेते है। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों की चुप्पी के पीछे हिस्से के होना बताया जाता है। 

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