फोटो- जिला सभागार में सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यो की बैठक लेते डीमए मंगेश घिल्डियाल। |
राजेश नेगी |
रूद्रप्रयाग जिले के शासकीय विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता का स्तर सुधारने हेतु जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में शासकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ बैठक आयोजित की गई। बच्चों का सर्वांगीण विकास हो इसके लिए समस्त विद्यालयों के प्रधानाचार्य कार्ययोजना तैयार करे व विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को दायित्व सौंपे गये। डीएम द्वारा निर्देश दिये गये कि शिक्षकों का पाठन इस प्रकार होना चाहिए जिसमें विद्यार्थी विश्यवस्तु में रूचि लें। डीएम ने कहा कि मुझे उम्मीद है नए सत्र से समस्त शिक्षक व प्रधानाचार्य नई उत्साह, उमंग के साथ कार्य करेगे व शिक्षा के स्तर को एक्सीलेंस तक लेकर जाएगे।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने शिक्षकों को नवीन संसाधनों का प्रयोग कर विश्यवस्तु को सरल बनाने, शिक्षा की छवि को सुधारने, समय-तकनीक के साथ बदलने की, आमआदमी का सरकारी स्कूलों के प्रति विश्वास को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए। कहा कि यह सच है कि आपकी समस्याए है किन्तु सकारात्मकता से 50 प्रतिशत व्यवस्था मं सुधार किया जा सकता है।
इस सबंध में जिलाधिकारी ने कहा कि जब तक प्रधानाचार्य अपना सौ प्रतिशत विद्यालय में नहीं देंगे तब तक शिक्षा का स्तर सुधारना मुश्किल है। इसके लिए समस्त प्रधानाचार्यो को शिक्षक के पाठन के दौरान स्वयं कक्षा में बैठने, माह में दो बार शिक्षा के स्तर में सुधार हेतु बैठक करने, शिक्षको का स्वस्थ मूल्यांकन कर प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में रिपोर्ट जिला कार्यालय को प्रेश्ति करने के निर्देश दिए। विद्यालयों में होने वाली बैठकों में शिक्षक अपना सुझाव दे किस प्रकार से नवाचार व तकनीकी की सहायता से विश्यवस्तु को सरल बनाया जा सकता ह। वर्तमान में शिक्षा में मूल्य संवर्धन की आवश्यकता है उसे शिक्षक तकनीकी व नवाचार के जरिय पूरा कर सकता है। समय के साथ परिवर्तन आवश्यक है अन्यथा व्यक्ति समाज के साथ मिलकर नहीं चल सकता है। शिक्षक में सीखने की प्रवृत्ति होगी तभी व बच्चों को समझा पाएगा क्योंकि ज्ञान का अंत नहीं है। व्यक्ति जीवन पर्यंन्त सीखता है।
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एल एस दानू सहित समस्त खण्ड शिक्षाधिकारी, विद्यालयों के प्रधानाचार्य उपस्थित थे।