हरीश थपलियाल के साथ राजेश नेगी।
प्रदेश में जल्द होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले सरकार दो बच्चों से ज्यादा बच्चों वाले जनप्रतिनिधियों को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है, ऐसे में पंचायत चुनाव में चुनाव लड़ने की सोच रहे कई जनप्रतिधियों के अरमानो ंपर पानी फिर सकता है, नगर निकाय में पहले से ही दो बच्चों का नियम लागू है ऐसे में जल्द ही सरकार पंचायत चुनाव से पहले इसे लागू कर सकती है, सूत्रों की जानकारी के मुताबिक शासन स्तर पर इस विषय पर गहन मंथन हो चुका है, ओर जल्द इसका एलान भी हो सकता है, ये खबर उन प्रतिनिधियो ंके लिए एक बुरी खबर है जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं और वो बीते कई समय से इस बार भी चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे है। हाॅ हरिद्वार के जनप्रतिनिधियों के लिए ये राहत भरी खबर जरूर है कि इस नियम से फिलहाल हरिद्वार को अलग रखा जायेगा, इन दोनों नियमों को लागू करने से पहले अन्य प्रदेशों के पंचायत राज एक्ट को भी खंगाला जा रहा है,
वही दूसरी ओर पंचायत प्रतिनिधियों की शैक्षिक योग्यता को लेकर भी नियम पर भी मंथन चल रहा है, जल्द ही इन दोनों बिंदुओं पर मसौदा तैयार कर कैबिनेट के समक्ष रखा जा सकता है, पंचायती राज एक्ट की कुछ व्यवस्थाओं में सरकार संशोधन कर सरकर इस बार ही इन नियमों को लागू कर सकती है, सबकुद ठीक ठाक व्यवस्थित ढंग से हुआ तो अनुमान ये लगाया जा रहा है कि प्रदेश में सितम्बर माह में पंचायत चुनाव हो सम्पन्न हो जायेगे, न्यूनतम शैक्षिक योग्यता को लेकर ये अनुमान लगाया जा रहा है कि हरियाणा के तर्ज पर न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल, अनुसूचित जाति के लिए आठवीं और आरक्षित वर्ग की महिला के लिए पांचवीं पास होना अनिवार्य है।
दोनों फैसलों को लेकर अभी पूरी कसरत जारी है, पंचायत चुनाव से पहले इन दोनों फैसलों को कैबनेट से भी मंजूरी मिल सकती है, जिसके बाद पंचायत चुनाव में ये दोनो फैसले लागू हो जाय, वैसे भी जुलाई माह में प्रदेश के 12 जिलों की पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो रहा है।