क्या हिंदुस्तान की राजनीति में कोई भी ऐसा देशभक्त बहादुर नेता नहीं है जो बलात्कारियों के लिये सीधा फाँसी का कानून बनाये..?
रोशन रतूड़ी सामाजिक कार्यकता। |
उत्तराखंड समाचार : विश्वाकप क्रिकेट टूर्नामेंट देखने के लिये सबके पास समय है ।लेकिन अगर देश के भीतर अलीगढ़ की रहने वाली ढाई साल की मासूम सी गुड़िया ट्विंकल शर्मा का दुष्कर्म करने के बाद उसकी आँखें निकाल ली जाती है, बड़ी क्रूरता से उसके हाथ पाँव काटकर ,उसको बोरे में बाँध कर फेंक दिया जाता है , छुपा लिया जाता । उस मासूम सी बच्ची पर क्या गुजरी होगी । क्या बेटी होना पाप है ? मत भूलिये आप हम सबको भी जन्म देने वाली माँ ,वो भी किसी की बेटी है।
जरा सोचिये अगर वो आपके परिवार की बेटी होती..तो क्या आप इस तरह से चुप बैठ रहते ? कहाँ है वो क्रिकेटर , राजनेता , अभिनेता - अभिनेत्रीयां , क्यों छुप बैठे है ..?? मत भूलो इस देवतुल्य देश की जनता ने ही तुम्हें बनाया है । कहाँ गये आशिफा के लिये मोमबत्ती वाले लोग ..? अब कहाँ गयी वो राजनीतिक गठबंधन वाली पार्टियाँ ..? अब क्यों ट्विंकल गुड़िया के इंसाफ के लिये आवाज नहीं उठाते है ?? जब देश की इज्जत का सवाल होता है , तब सब गूँगे बन जाते है । बहरे बन जाते है । क्या आप लोगों के अन्दर की इंसानियत मर चुकी है ..?
क्यों सीधा फाँसी की सजा नहीं दी जाती है ..? क्यों फास्ट टरेक कोर्ट को सीधा फाँसी की मान्यता नहीं दी जाती है ..? फाँसी देने में समस्या क्या है ..? किसका इंतजार कर रहे हो ..? जब देश के अंदर ओर ज्यादा माँ- बहनों के साथ दुष्कर्म होगा कई हत्याएँ होंगीं , जब पुरा देश बदनाम हो जायेगा । तब जाकर सीधा फाँसी के कानून मान्यता दोगे क्या .? कौन से समाज में जी रहे हो ..?
आँखें बहुत नम है, ह्रदय रो रहा है , कह रहा है, गुड़िया तेरे क़ातिल जिंदा है, और हम सब शर्मिंदा है । कब तक हम यो ही शर्मिंदा होते रहेंगे ..? क्या सरकार के पास इसका कोई जबाब है ..?
निवेदनकर्ता:
रोशन रतूड़ी ( समाजिक कार्यकर्ता )
( भारत के सवा सौ करोड़ जनता )