उत्तराखंड समाचार : पिछले 35 घंटों से नरेन्द्रनगर में बंद ऋषिकेश-गंगोत्री NH! बढ़ी परेशानीयाॅ..

ऋषिकेश- गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग
ऋषिकेश- गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग

वाचस्पति रयाल
उत्तराखंड समाचार  / नरेंद्र नगर। ऋषिकेश- गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (एन एच 94) पर नरेंद्र नगर के कुमार खेड़ा बाईपास में गत 12 जून तड़के 5 बजे से पूर्व पहाड़ी के दरकने से सड़क में जमा हुए  भारी मात्रा में मलवा और बड़े बोल्डरों को हटाने में लगी तीन जेसीबी अभी तक मलबे को पूरी तरह साफ नहीं कर पाये हैं, जिसके कारण अभी चारधाम ऑल वेदर रोड  यातायात के लिए नहीं खुल पाया है। सड़क पर जमा मलवा इतना भारी मात्रा में है कि 35 घंटों के निरंतर मशक्कत के बाद तीन जेसीबी अभी तक पूरी तरह मलवा नहीं हटा पाये हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने हालांकि किनवाणी-पी टी सी तथा डागर-बगरधार जैसी छोटी लिंक रोड़ों से छोटे वाहनों को डायवर्ट किया है। लेकिन यह दोनों लिंक रोड बड़े वाहनों के जाने लायक नहीं है,  यही वजह है कि बस और ट्रक जैसे बड़े वाहन  की लंबी कतारें सड़क के दोनों ओर लगी हुई हैं। बसों के यात्रियों को जहां भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं ट्रकों में भरा सब्जी आदि के सामान की पूरी तरह से खराब होने की आशंका जताई जा रही है।
आज दूसरे दिन जब चारधाम ऑल वेदर रोड  यातायात के लिए नहीं खुल पाई तो किनवाणी रूट पर  बड़ी संख्या में खड़ी बसों के यात्रियों ने बस चालक और परिचालक से टिकट का पैसा रिफंड करने को कहा, इस बात को लेकर बस चालकों-परिचालकों  तथा यात्रियों के बीच भारी बहस हुई, बस चालक -परिचालकों ने मौके पर खड़े पुलिसकर्मियों से लिंक रोड पर  बड़ी बसों को  ले जाने की जिद की  आक्रोश को देखते हुए  पुलिस ने  बड़ी बसों को जाने के लिए  हरी झंडी दे दी जिससे हंगामा शांत हुआ  और लिंक रोड से बसों का आना-जाना शुरू हुआ। मगर बता दें कि इस संकरी रोड पर बड़ी बसों का और ट्रकों का आना जाना खतरे से खाली नहीं है।
ऋषिकेश- गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग
ऋषिकेश- गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग
चारधाम ऑल वेदर रोड  पर काम करने वाले ठेकेदारों की कार्य शैली पर लोगों ने सवाल खड़े किए हैं। लोगों का कहना है कि यात्रा  सीजन को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 30 अप्रैल के बाद चारधाम ऑल वेदर रोड  निर्माण में सड़क की बैक कटिंग पर रोक लगाई हुई है, मगर ठेकेदार लॉबी अपनी सहूलियत के अनुसार सरकारी नियमों को ताक पर रखकर अभी भी रोड पर जहां तहां बैक कटिंग का कार्य करते जा रहे हैं। कुमारखेड़ा वाली भूस्खलन की पहाड़ी ठेकेदारों की इसी कार्यशैली की शिकार हुई है, बैक कटिंग करके यहां पर पहाड़ी लगभग 100 मीटर ऊंची हो गई है जिसके कारण यहां पर भारी भूस्खलन हुआ है। भूस्खलन के कारण रोड पर यातायात बाधित रहा ही है। मगर चार धाम यात्रा करने वाले यात्रियों तथा लोकल सवारियों की मुश्किलों व परेशानियों को बढ़ाने में  स्थानीय प्रशासन और पुलिस प्रशासन का भी कम हाथ नहीं रहा वजह साफ है कि जब तक कुमार खेड़ा में यातायात के लिए रोड नहीं खोली गयी,तब तक क्यों ऋषिकेश ,भद्रकाली से ट्रैफिक पास किया गया? ज्यादा अव्यवस्था तो तब हुई जब बिगैर रोड खोले हुए भद्रकाली से ट्रैफिक टिहरी- उत्तरकाशी के लिए पास होता रहा इससे नरेंद्र नगर के किनवाणी में बसों और ट्रकों का जमावड़ा लग गया जिसके कारण यात्रियों को भारी परेशानी झेलने के साथ अव्यवस्थाओं का शिकार होना पडा़ इसी की वजह रही कि किनवाणी में भारी ट्रैफिक होने के कारण पुलिस को कडी़ मशक्कत करनी पड़ी। 
अभी तो बरसात की पहली बौछार भी नहीं हुई और ऑल वेदर रोड पर इस भीषण गर्मी में इस तरह से  मलवा गिरना आने वाली बरसात में बड़ी कठिनाइयों की ओर संकेत करता है, लिहाजा बरसात में  सफर सुरक्षित हो सरकार को इसके पुख्ता इंतजाम करने चाहिए। अखिल भारतीय पंचायत विकास संगठन के प्रदेश प्रवक्ता वीपी रयाल ने ऑल वेदर रोड निर्माण के कार्य को अवैज्ञानिक और व्यवहारिक बताया है, रयाल ने कहा पहाड़ सब जगह एक जैसा नहीं है भूक्षरण वाले कच्चे पहाडों का भू वैज्ञानिकों द्वारा सर्वेक्षण किया जाना चाहिए था, और भूक्षरण वाले कच्चे पहाड़ों पर निर्माण कटिंग का कार्य सोच समझ कर तकनीकी आधार पर किया जाना चाहिए था। अगर ऐसा किया जाता तो पहाड़िया इस तरह नहीं दरकती, मगर ऐसा किया नहीं गया। जेसीबी जैसे-जैसे मलवा हटाता जा रहा है वैसे-वैसे ऊपर से और मलवा आता जा रहा है जाहिर सी बात है कि कुमार खेड़ा का यह क्षेत्र न सिर्फ यातायात के लिए बल्कि यहां कुमार खेड़ा में  रहने वाले लोगों के लिए भी  भविष्य का नासूर बन चुका है।

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