एम्स ऋषिकेश में जल्द आयुष्मान भारत योजना के काउंटरों की बढ़ोत्तरी, डिप्टी चीफ ऑफिसर दिनेश अरोड़ा ने किया निरीक्षण..

(संजय शर्मा/ऋषिकेश)
केंद्र सरकार द्वारा आम नागरिकों की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए संचालित आयुष्मान भारत योजना के डिप्टी चीफ ऑफिसर दिनेश अरोड़ा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे।

यहां उन्होंने संस्थान में आयुष्मान भारत योजना के संचालन संबंधी जानकारी ली और इससे जुड़ी तकनीकी दिक्कतों को भी जाना, इस दौरान उन्होंने एम्स ऋषिकेश में वृहद जनहित की इस योजना का 24 घंटे संचालन पर एम्स प्रशासन की सराहना की, केंद्र सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान भारत योजना के डिप्टी सीओ दिनेश अरोड़ा के एम्स पहुंचने पर संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने जोरदार स्वागत किया, इस दौरान उन्होंने एम्स अस्पताल,ट्रामा एंड इमरजेंसी व ओपीडी ब्लॉक में 24 घंटे संचालित हो रहे आयुष्मान भारत योजना के काउंटरों का स्थलीय निरीक्षण किया और एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत से संस्थान में योजना के संचालन संबंधी जानकारियां हासिल की, साथ ही उनसे योजना के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों को जाना। निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने बताया कि योजना में कॉर्डियो व ऑर्थोपेडिक के कई प्रोसेजर में दिया गया पैकेज रेट कम दिया गया है, जबकि इन प्रोसेजर्स में मरीज पर खर्च ज्यादा आता है, जिसे संस्थान को वहन करना होता है। 
निदेशक एम्स ने बताया कि संस्थान में आयुष्मान भारत योजना गतवर्ष 23 सितंबर को लागू की गई थी, जिसके तहत अब तक उत्तराखंड में अटल आयुष्मान योजना में राज्य के 3649 मरीज व आयुष्मान भारत योजना के तहत यूपी समेत अन्य प्रांतों के 656 मरीज अपना इलाज करा चुके हैं। निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने बताया कि मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के मद्देनजर संस्थान में जल्द आयुष्मान भारत योजना के काउंटरों की बढ़ोत्तरी की जाएगी। निदेशक ने सुझाव दिया कि रोग के प्रारंभिक परीक्षण के लिए आवश्यक महंगी जांचें सीटीस्केन,एमआरआई आदि व कुछ माइनर प्रोसिजर्स जिनकी तत्काल जरूरत हो,उनके लिए प्री- ऑथराइजेशन  की जरूरत नहीं हो बल्कि यह एम्स जैसे बड़े राजकीय संस्थान में उपचार कर रहे चिकित्सक के सुझाव व निर्णय पर हो। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि हर मेजर बीमारी के उपचार व सर्जरी के मामलों में संस्थान के चिकित्सकों से भारत सरकार को फीडबैक लेनी चाहिए, जिससे इलाज में आ रही दिक्कतों व इंप्लांट आदि मामलों में समय समय पर रेट रिविजन होते रहें। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रतिनिधि डा.विनोद, डा.शकील, संस्थान के डीन स्टूडेंट्स वैलफेयर प्रोफेसर मनोज गुप्ता, सब डीन डा.कुमार सतीश रवि, डीएमएस डा.आरबी कालिया, डा.पूर्वी कुलश्रेष्ठा, डा.प्रेरणा बब्बर, डा.सुबोध कुमार, डा.अजय कुमार,पीआरओ हरीश मोहन थपलियाल, डा.देववर्म बिराता आदि मौजूद थे।

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