रायवाला: दुकानों के निर्माण और आवंटन की होगी जांच, टीम गठित

फोटो परिचय-प्रतीतनगर में शिक्षित बेरोजगारों के लिए पंचायत द्वारा बनायी गयी दुकानें।
फोटो परिचय-प्रतीतनगर में शिक्षित बेरोजगारों के लिए पंचायत द्वारा बनायी गयी दुकानें। 
रायवाला। ग्राम पंचायत प्रतीतनगर में दुकानों के निर्माण और आवंटन का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। दुकानों के निर्माण और आवंटन में धांधली की शिकायत उपजिलाधिकारी से की गयी है। जिसपर कार्यवाही करते हुए एसडीएम ऋषिकेश ने एक टीम का गठन कर मामले की जांच के आदेश दे दिए है। टीम ने जांच कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट एसडीएम को सौंपनी है। 

महेश पंवार
ग्राम पंचायत प्रतीतनगर में गांव के शिक्षित बेरोजगारों के नाम पर बनायी जा रही दुकानों के निर्माण और आवंटन का मामला लंबे समय से विवादों में चल रहा है। सवाल यह है कि जब दुकानों का निर्माण और आवंटन जिला पंचायत राज अधिकारी के आदेशानुसार होना था तो पंचायत ने आदेशों को ताक पर रखकर निर्माण कार्य और आवंटन क्यों किया। जब दुकानें गांव के शिक्षित और बेरोजगारों के लिए बनायी जा रही थी तो दुकानों को आवंटन नियामनुसार क्यों नही किया गया। वहीं जब हाइवे प्रभावित ग्राम पंचायत प्रतीतनगर निवासी रामकिशन थपलियाल को आवेदन के बाद भी प्रभावितों की लिस्ट से गायब कर दिया तब उन्होने कृषि मंत्री से इसकी शिकायत की। कृषि मंत्री को सौंपे ज्ञापन में राम किशन ने बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा हाइवे प्रभावितों के लिए बनाई दुकानों के निर्माण व आवंटन में बड़े पैमाने पर धांधली की गयी है। जिसके बाद मंत्री के आदेश पर एसडीएम ऋषिकेश ने जिला पंचायत राज अधिकारी व तहसीलदार की संयुक्त टीम बनाकर मामले की जांच करने व एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है। 
क्या थे जिला पंचायत राज अधिकारी का आदेश
रायवाला। हरिद्वार-दून हाइवे चैड़ीकरण के दौरान कई दुकानदार और मकान स्वामी प्रभावित हुए थे। जिसके बाद ग्राम पंचायत प्रतीतनगर ने गांव के शिक्षित और बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए दुकानों का निर्माण करने का प्रस्ताव बनाया। ग्राम पंचायत के अनुसार प्रतीतनगर में 26 दुकानों का निर्माण किया जाना था। वहीं जिला पंचायत राज अधिकारी के आदेशानुसार पंचायत को सबसे पहले लाटरी सिस्टम से किराएदारों का चयन करना और फिर चयनित प्रत्येक दुकानदार से दो लाख रूपये धरोहर राशि लेकर दुकानों का निर्माण कार्य शुरू करवाना था। आदेश के अनुसार इस पूरी प्रक्रिया को सूचना समाचार पत्र, पंचायत की बैठक व सूचना पट के माध्यम से लोगों तक पहुंचाना था जिससे कि ज्यादातर लोग लाॅटरी प्रक्रिया में हिस्सा सकें और दुकानों के आवंटन में पारदर्शिता बनी रहे। शिकायतकर्ता का आरोप है कि पंचायत ने जिला पंचायत राज अधिकारी के आदेशों को ताक पर रख कर लाटरी कराए बगैर ही दुकानें बना दी। इनमें से तीन का आवंटन भी कर दिया गया। यह भी आरोप है कि निर्माण के नाम पर पंचायत के खाते से लाखों रूपये की हेराफेरी की गयी है जिसकी जांच की जानी चाहिए।
जिला पंचायत राज अधिकारी का आदेश की काॅपी-
Page-1-
 Page-2-

खबर पर प्रतिक्रिया दें 👇