एक्सक्लूसिव- रूद्रप्रयाग की सड़कों में दौड़ा ई-रिक्शा, जल्द लोगों को मिल सकती है! ई-रिक्शा सेवाऐं.. पूरी खबर देखिए..

अब उत्तराखण्ड़ के पहाड़ो में दौड़ेगा ई-रिक्शा
रूद्रप्रयाग की सड़कों में हुआ ई-रिक्शा का सफल ट्रायल
रूद्रप्रयाग में दौड़ा ई-रिक्शा
फोटो- रूद्रप्रयाग मेें परिवहन विभाग ने किया ई-रिक्शा का सफल ट्रायल
राजेश नेगी/रूद्रप्रयाग। 
जनाब जिस सड़क पर ये ई-रिक्शा दौड़ रहा है वो देहरादून-हरिद्वार या ऋषिकेश की नही बल्कि शुद्ध पहाड़ी जिले रूद्रप्रयाग की उबड़ खाबड़ ओर पहाड़ी घुमाउदार सड़के हैं, ओर ये डीएम रूद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल की सोच के कारण संभव होता दिख रहा है, अब आपको इसकी पूरी कहानी बताते हैं, वैसे ये पहली बार नही जब रूद्रप्रयाग जिला मुख्यालय की सड़कों में ई-रिक्शा दौड़ा हो, इससे पहले भी वर्ष 2017 में परिवहन विभाग ई-रिक्शा का ट्रायल रूद्रप्रयाग में कर चुका है, जो कि सुरक्षा मानकों में फिट न बैठ पाने के कारण शुरू नही हो सका, लेकिन इस बार उम्मीद है कि इस सफल ट्रायल के बाद जल्द ही ई-रिक्शा रूद्रप्रयाग की सड़कों में दौडेगा, वही इस ई-रिक्शा की सबसे बड़ी खासियत ये रहेगी कि ये ईकोफैडली है जिससे पर्यावरण को कोई भी नुकसान नही होगा। 


रूद्रप्रयाग की सड़कों में ट्रायल के लिए दौड़ता ई-रिक्शा
रूद्रप्रयाग में आज दूसरी बार ई-रिक्शा का ट्रायल परिवहन विभाग द्वारा किया गया, लेकिन ऐसा भी कहा जा सकता है कि पहली बार इस ट्रायल से ये सम्भावनाऐं बढ़ी कि जल्द ही रूद्रप्रयाग की सड़कों में लोगों को ई-रिक्शा परिवहन सुविधाऐं देखने को मिल सकेगी, दरअसल जिले के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की यह सोच थी कि रूद्रप्रयाग से डीएम Office और अन्य सरकारी कार्यालयों में जाने के लिए लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ऐसे में एक ऐसी सेवा होनी चाहिए जो कि बेलनी से कलेक्ट्रट तक दूर-दराज से आने वाले ग्रामीणों को ला-लेजा सकें, ऐसे में डीएम के आदेशों के बाद पहली बार 2017 में ई-रिक्शा का ट्रायल रूद्रप्रयाग में हुआ था लेकिन ये प्रयास असफल रहा। 


आज एक बार फिर परिवहन विभाग ने रूद्रप्रयाग के बेलनी से विकास भवन होते हुए हुए कलेक्ट्रट और फिर वापस बेलनी तक ई-रिक्शा का सफल ट्रायल किया, हालांकि इसे सफल तभी कहा जायेगा जब ये धरातल पर आम लोगों के लिए शुरू हो जाए लेकिन ट्रायल के दौरान आराम से चढ़ाई व पहाड़ी मोड़ो को ई-रिक्शा आसानी से निकल गया, इस ट्रायल के दौरान सुरक्षा मानकों को देखने के लिए जहाॅ सीओ रूद्र्रप्रयाग और एआरटीओं भी ई-रिक्शा के साथ ही चल रहे थे। 
रूद्रप्रयाग में ई-रिक्शा चलाने को एक मिशन के तौर पर ले रहे एआरटीओ रूद्रप्रयाग मोहित कोठारी का कहना है कि पहाड़ में परिवहन को लेकर लोगों की परेशानीयो को देखते हुए डीएम मंगेश घिल्डियाल ने ये परिकल्पना की है, जिसके बाद आज दूसरी बार इसका ट्रायल हुआ है, जो पिछली बार की अपेक्षा काफी उम्मीदों से भरा है, ई-रिक्शा परिक्षण के लिए अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गई है जल्द ही कमेटी की सिफारिशों के आधार पर ई-रिक्शा का रूद्रप्रयाग में संचालन निश्चित होगा। अगर प्रयोग सफल रहा तो इन्य पहाड़ी शहरो में भी ई-रिक्शा शुरू होगा। वही ई-रिक्शा कम्पनी बंसल Autogreen देहरादून के संचालक मणि क्षितिज गुप्ता का कहना है कि ई-रिक्शा लोगों को सुविधाओं को देने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है, क्योंकि ये ई-रिक्शा है तो पेट्रोल डीजल से नही बल्कि बिजली से चार्ज होने वाली बैटरी से चलेगा, ऐसे में ये पर्यावरण फैंडली भी है। 

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