ज्ञानी सज्जनों के अनुभव से मिलती है प्रेरणा-सुदीक्षा महाराज।।



उत्तरकाशी में रविवार को राजकीय चिन्यालीसौड़ में आयोजित संत निरंकारी समागम में जिस तरह आस्था का सैलाब उमड़ा है, उससे हर किसी की नजरें व्यवस्था पर टिकी थीं। लेकिन, यहां वह सब कुछ हुआ जो किसी ने सोचा भी नहीं था। अक्सर भीड़ के बीच हंगामा, झगड़ा और धक्कामुक्की का नजारा आम होता है। समागम में ऐसा कुछ नहीं था। यहां अनुशासन था और मर्यादा भी। माता सुदीक्षा महाराज के इस वचन ने हर किसी को एक डोर में बांधे रखा था। 

माता सुदीक्षा महाराज ने कहा कि सत्संग कोई रस्म नहीं बल्कि ये एक ज्ञानी संतजनों का अद्वितीय मिलन है। ज्ञानी सज्जनों के आध्यात्मिक अनुभव से हमें प्रेरणा मिलती है। श्रद्धालुओं को सुनकर उससे आत्मसात करना चाहिए। माता जी ने कहा कि हम जब हम सत्संग में शामिल होते हैं तो हमें सत्संग की मर्यादा और अनुशासन का पालन करना चाहिए।

आत्मसात करें अच्छे वचन
संतों की वाणी सुनकर उसे अपने दैनिक जीवन में अपनाना चाहिए। हम प्रत्येक संत में निरंकार प्रभु का दर्शन करते हैं। संतों का आशीर्वाद हमारे लिए संबल का काम करता है। माता जी ने निरंकारी भक्तों को संदेश दिया कि वे अपने जीवन में निरंतर सत्संग, सेवा, स्मरण करते रहें। 

 समागम में रैली के लिए कतार में खड़े सेवादार।।।

सेवादल की रैली रही खास
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चिन्यालीसौड़ में सेवादल की रैली श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से आए सेवादल के भाई बहनें वर्दी पहनकर रैली में भाग ले रही थी। शारीरिक व्यायाम के बाद उन्होंने मिशन के संदेश पर आधारित कुछ शारीरिक करतब प्रस्तुत किए। विषम परिस्थितियों में सेवा के तरकीब का डेमो प्रस्तुत करते हुए मानवता के लिए इसे जरूरी बताया। 

सेवादल मिशन की आन, बान और शान
माता सुदीक्षा ने कहा कि सेवादल मिशन की आन, बान और शान है। उन्होंने कहा कि मानवता की सेवा के लिए हजारों श्रद्धालुओं ने मिशन की सेवा के लिए वर्दी पहनी।।  वर्दी का सम्मान सेवा कार्यों से होता है। उन्होंने मिशन के मानवता के प्रति श्रद्धा, समर्पण और विश्वास रखने वाले सेवादल की प्रशंसा की। 

समागम में बाल-प्रदर्शनी सहित मेले का माहौल
समागम में लगे प्रदर्शनियों में दिनभर लोगों की भीड़ लगी रही। बाल प्रदर्शनी में बच्चों ने बाबा के सेवा कार्यो और उद्देश्य पर प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को मिशन का संदेश दिया। मिशन के जल, स्वच्छता, पर्यावरण आदि उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।

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